किताब का नाम- लफ्ज़ो की महक
कवि - परीक्षित जायसवाल
प्रकाशन- H.S.R.A Publications
शैली- कविता
रेटिंग- 3/5 स्टार्स
कवि परीक्षित जायसवाल की लिखी हुई काव्य संग्रह 'लफ्ज़ो की महक' हमें आज की हकीकतों से रुबरु कराती है। मुझे इस काव्य संग्रह मे जो बात सबसे ज्यादा पसंद आयी वो है विषय का चुनाव। वर्तमान समय के विभिन्न पहलू पर लिखी गयी बहुत सारी कविताये अपको इस संग्रह में मिलेंगी। स्टुडेंट लाइफ की यादें हो या फिर प्यार के अनूठे रंग, बचपन के बिताए दिन हो या कोरोना महामारी का खौफ, कवि परीक्षित ने बड़ी ही खुबसुरती से हर एक पहलू को अपनी कलम के जादू से कागज पर उतारा है।
निन्यानवे कविताओ के इस संग्रह मे अपको अलग अलग तरह की कविताए देखने को मिलेंगी। हर एक कविता अपने मे ही अनोखी है। ये कविताये आपको खुद से सवाल करने पे मजबुर कर देगी। मुझे व्यक्तिगत रुप से इस काव्य संग्रह की छत्तीसगढ़ी कविता ' छत्तीसगढ़ी बोली' काफी अच्छी लगी। साथ ही मुझे 'इन्सानी पुतला', 'हम मुस्कुराएंगे' , 'ये कैसा प्यार ', और 'चाय' नाम की कविता भी बहुत पसंद आया।
मुझे यकीन है कवि परीक्षित जयसवाल की ये किताब एक ताज़ी हवा का झोंका बनके अपने पाठकों का दिल जीत लेगी। इस किताब को जरूर पढ़े। अपको हर एक पन्ने पे कुछ नया मिलेगा।
हैप्पी रीडिंग
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