अनुबाद- डी. श्याम कुमार
प्रकाशक- बहुबचन (नियोगी बूक्स)
बर्ष- 2020
भाषा- हिन्दी
रेटिंग- 4.8/5 स्टार्स
भारत रत्न लता मंगेशकर जी उन चुनिंदा लोगों में जाने जाते हैं जिन्होनें अपनी गायिकी से ना सिर्फ़ भारतीय संगीत को समृद्ध किया हैं, बल्कि पुरे विश्व को हिंदुस्तान तथा हिन्दुस्तानी संगीत से रुबरू कराने का श्रेय भी उन्हीं को जाता हैं। भारत में शायद ही ऐसा कोई संगीतप्रेमी हो जिसनें लता मंगेशकर जी को ना सुना हो। मातृभाषा मराठी की साथ उन्होनें हिंदी, उर्दू, संस्कृत, बंगाली, भोजपुरी, असमिया, तमिल, तेलुगू, अँग्रेजी और लातिन भाषा में जैसे छतीस राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय, और छत्रीय भाषा मे संगीत गाया हैं। ऐसी संगीत के महारथी के बारे मे जानना अपने मे ही एक सौभाग्य की बात हैं।
नसरीन मुन्नी जी की लिखी हुई यह किताब लता जी के साथ उनकी बातचीत पर आधारित है, जिसमें उन्होनें ना सिर्फ़ अपने जिन्दगीं के उन बीते लम्हों के बारे में बताया है, बल्कि उनसे जुड़ी हुई जो भ्रामक बातें सोशल मीडिया पे सुनने को मिलती है, उनका भी खंडन किया हैं। जैसे उदाहरण के तौर पे - बचपन में इनका नाम हृदया रखा गया था हेमा नही, पर अगर आप विकिपिडिया पे देखेंगे तो इनका नाम आपको हेमा मिलेगा।
उनकी बचपन के दिनो से लेकर पिता की अकाल मृत्यु के बाद का संघर्ष, कोल्हापुर से बोम्बै तक का सफर, फिल्म इंडस्ट्री में उनका आना और फिर एक के बाद एक असाधारण संगीत की सृस्टि, बिश्य के महान संगीतकारौ के साथ उनका अनुभब आपको एक अलग ही दुनिया में ले जायेगा।
इस किताब में उन सब लोगों की टिप्पणियाँ भी समाबेशित हैं, जिसमे उनके परिबार के सदस्य जैसे बहन उषा मंगेशकर, उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर, भान्जी रचना शह के साथ ही साथ भारतीय कला, संगीत और सहित्य के प्रमुख हस्तियाँ जैसे जाबेद अख्तर, नौशाद अली, यश चोपरा, किशोर कुमार, मन्ना डे प्रमुख, जिहोंने लता जी से अपने रिश्तों की ब्याख्या की है और उनकी शख्सियत तथा गायन के बारे में अपने बिचारों को बर्णित किया है।
इस आत्मकथा में आपको उनको बाल्यावस्था से लेकर अभी तक के सफर की एक झलक मिलेगी। लता जी उन चुनिंदा गायकों से हैं, जिन्होने फिल्मी गायन का बिबर्तन देखा हैं। इसीलिए आपको इसमे किशोर कुमार, मन्ना डे जैसे महान गायको के साथ ही कविता कृष्णामूरथी और ए आर रहमान जैसे आधुनिक गायको के भी करीबी से जानने का मौक़ा मिलेगा।
यह किताब महज ही एक आत्मकथा नही, बल्कि एक दास्तान हे उस महिला की, जिन्होनें पुरुषशासित समाज में अपनी दृहता और मेहनत सें संगीत की महारानी का खिताब हासिल किया। इनकी जीबनगाथा हम सबके लिये प्रेरणा का एक स्रोत हैं। में चाहूँगा की आप इस आत्मकथा को पढ़े। इस बात से कोई फर्क नही पढ़ता की आप संगीत मे रूचि रखते हैं या नही, आपको इस किताब सें जीबन में आगें बढ़ने के कुछ महत्यपुर्ण सुझाब मिलेंगे, जौ आपको जिन्दगीं मे आगें बढ़ने की प्रेरणा देगी।
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